केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव आज, इस बार 90,875 वोटर लिखेंगे प्रत्याशियों की किस्मत

डॉ. अजय मोहन सेमवाल। केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर कल यानी बुधवार को वोट डाले जाएंगे. जिसके लिए पोलिंग पार्टियां रवाना हो गए है. बीती कल दूरस्थ पोलिंग बूथ के लिए कल ही 7 पोलिंग पार्टियां रवाना हो गई थी. जबकि, आज अगस्त्यमुनि क्रीड़ा मैदान से 166 पोलिंग पार्टियां रवाना हुई. वहीं, वोटिंग को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात कर लिए गए हैं.
रुद्रप्रयाग जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ गहवार ने बताया कि केदारनाथ विधानसभा में तैनात कार्मिकों के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार विधानसभा में दिव्यांग बूथ समेत बुजुर्ग, युवा और यूनिक बूथ तैयार किए गए हैं, जिसमें संबंधित क्षेत्र या गांव के मतदाताओं से कल होने वाले मतदान में अनिवार्य रूप से मतदान करने की अपील की गई है.
केदारनाथ उपचुनाव में वोटिंग को लेकर बनाए गए 173 पोलिंग बूथ
उन्होंने बताया कि केदारनाथ उपचुनाव में वोटिंग को लेकर कुल 173 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. जिसमें बीते सोमवार को 7 पोलिंग पार्टियों को उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया था. इसके साथ ही आज सभी पोलिंग बूथों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना कर दी गई हैं.
डीएम गहवार ने बताया कि आज सुबह 7 बजे से ही पोलिंग पार्टियों को निर्वाचन संबंधी आदेश और सामग्री उपलब्ध करा दी गई थी. परीक्षण के बाद रूट प्लान के अनुसार सभी पोलिंग पार्टियों को अपने गंतव्यों के लिए रवाना कर दिया गया. सुरक्षा के मद्देनजर पोलिंग पार्टियों के साथ पुलिस बल तैनात है. साथ ही जिन स्थानों में वन क्षेत्र हैं, वहां स्थानीय वन रेंजर भी तैनात किए गए हैं.
90,875 वोटर लिखेंगे प्रत्याशियों की किस्मत
वहीं, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती ने बताया कि केदारनाथ विधानसभा में इस बार 90,875 मतदाता हैं. जिनमें 44,919 पुरुष और 45,956 महिला मतदाता शामिल हैं. केदारनाथ विधानसभा को दो जोनल एवं 27 सेक्टर में बांटा गया है. सुरक्षा के मद्देनजर वन क्षेत्र में क्षेत्रीय वन अधिकारी और संवेदनशील बूथों पर सीपीएफ टीम भेजी गई है.
130 पोलिंग बूथों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था
इसके अलावा 130 पोलिंग बूथों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा संबंधित क्षेत्र के राजस्व उप निरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, बीएलओ को भी तैनात किए गए हैं. ताकि, मतदाताओं को आने-जाने और निर्वाचन संबंधी अन्य व्यवस्थाओं में किसी तरह की कोई परेशानी न हो.

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