भक्तों ने बनाया नया रिकॉर्ड, इतिहास में पहली बार कपाट खुलने पर पहुंचे इतने श्रद्धालु

रुद्रप्रयाग, 10 मई। पंचकेदार में प्रमुख केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा में नया अध्याय भी जुड़ गया है। शुक्रवार को कपाटोद्घाटन पर धाम में 29,030 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि कपाटोद्घाटन के मौके पर इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस दौरान भक्तों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। अब ग्रीष्मकाल में आम भक्त कर सकेंगे बाबा केदार के दर्शन। विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान और पौराणिक परंपराओं के साथ ग्रीष्मकाल के छह माह के लिये खोल दिये गये हैं।

प्रात: चार बजे से यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था
भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक केदारनाथ धाम के कपाट वेद मंत्रोच्चार के बीच शुभ लग्न पर शुक्रवार सुबह 7 बजे खोल दिए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई गणमान्य लोगों ने बाबा केदार के दर्शन किए। हजारों श्रद्धालु भी इस पावन पल के साक्षी बने। प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। उसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, राॅवल भीमांशंकर लिंग, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, पुजारी, धर्माचार्य, वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी डाॅ सौरभ गहरवार के साथ प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गए।

सुबह 6.30 बजे केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, धाम के लिए नियुक्त मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग परंपराओं का निर्वहन करते हुए मंदिर में पहुंचे। रावल भीमाशंकर लिंग ने कहा कि भगवान केदारनाथ छह माह अपने धाम में विराजमान हो गए हैं। अब, बाबा के भक्त छह माह तक अपने आराध्य के दर्शन और पूजा-अर्चना धाम में ही करेंगे। उन्होंने भगवान केदारनाथ से देवभूमि उत्तराखंड और समस्त भारतवर्ष की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बाबा केदार को समाधि रूप से जागृत किया और पूजा-अर्चना करते हुए अन्य परंपराओं का निर्वहन किया। इसके बाद बाबा केदार के दर्शनों के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा।

आज शनिवार 11 मई को केदारनाथ धाम में भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जायेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× How can I help you?