Ajay mohan semwal , Dehradun
पश्चिमी विक्षोभ से मौसम में उलटफेर… इन इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश, ओले और तेज हवाओं की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार उत्तर भारत में 4 नवंबर से मौसम के बदलाव की गति तेज होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ आज से सक्रिय हो रहा है।
तापमान में गिरावट आएगी और सर्दी की शुरुआत महसूस होगी। कृषि क्षेत्रों में इन हवाओं और संभावित बूंदाबांदी का असर खरीफ की अंतिम कटाई और गेहूं की बुवाई पर पड़ सकता है।आईएमडी के अनुसार उत्तर भारत में अगले 72 घंटों में न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। मध्य भारत में 48 घंटों बाद तापमान में गिरावट शुरू होने का अनुमान है। उत्तर-पश्चिम भारत में शीतलहर जैसे हालात बन सकते हैं।
पर्वतीय राज्यों में बारिश और बर्फबारी की धमक
मौसम विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आज और कल बर्फबारी और बारिश की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में 4-5 नवंबर को बर्फबारी के साथ बारिश हो सकती है। उत्तराखंड में 4 नवंबर को गरज-के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। उच्च हिमालयी गांवों में तापमान में 5-7 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट संभव है। पर्यटन स्थलों शिमला, मनाली, गुलमर्ग, सोनमर्ग और औली में सीजन की पहली बड़ी बर्फबारी की उम्मीद है। यात्रियों को पर्वतीय मार्गों पर फिसलन और दृश्यता कम होने के कारण सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
पंजाब-हरियाणा-दिल्ली : धुंध-प्रदूषण की मार
दिल्ली-एनसीआर में सुबह से ही धुंध और स्मॉग बेहद घना रहा। राजधानी में आज यानी 4 नवंबर को अधिकतम तापमान लगभग 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16-17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवा में नमी बढ़ने और प्रदूषण के साथ मिलकर स्मॉग लेयर और घनी हो सकती है। कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400+ स्तर यानी गंभीर श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हल्की वर्षा से हवा अस्थायी रूप से सुधर सकती है, लेकिन नमी बढ़ने से दृश्यता और एयर क्वालिटी दोनों चुनौतीपूर्ण रहेंगी।
अरब सागर-बंगाल की खाड़ी सिस्टम का असर
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कम-दबाव क्षेत्र अब कमजोर पड़ रहे हैं, लेकिन इनके अवशेष पूर्वोत्तर भारत, अंडमान-निकोबार और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और आसमानी बिजली पैदा कर सकते हैं।अंडमान- निकोबार क्षेत्र में समुद्री हवाएं लगभग 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं, इसलिए मछुआरों को सावधान रहने की सलाह है। मध्य महाराष्ट्र और पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी बिजली चमकने के साथ हल्की बौछारें संभव हैं।