इंजीनियरिंग एंट्रेंस की ऑनलाइन परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का खेल खत्म

देहरादून, 28 अप्रैल। देहरादून स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और एसटीएफ मेरठ की टीम ने इंजीनियर एंट्रेंस ऑनलाइन परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसओजी ने रायपुर स्थित एक परीक्षा केंद्र से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि, इस सरगना के दो आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। आरोपियों के पास से मोबाइल, लैपटाप के अलावा परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड व अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। आरोपी परीक्षा केंद्र में पहले से ही सर्वर रूम के माध्यम से कुछ सिस्टम का एक्सेस लेकर नकल कराते थे, जिसके लिए प्रति अभ्यर्थी एक से डेढ़ लाख रुपये लिए जाते थे।

एसटीएफ मेरठ, देहरादून एसओजी ने की संयुक्त छापेमारी
एसटीएफ मेरठ की टीम से देहरादून के कुछ संस्थानों में नकल माफिया द्वारा अलग-अलग आनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को नकल कराये जाने के समबन्ध में जानकारी मिली. जिस पर एसओजी देहरादून और एसटीएफ मेरठ उत्तर प्रदेश की संयुक्त टीम ने सहस्त्रधारा रोड स्थित Edu Choice Consultancy नाम के कन्सल्टेंसी लैब में दबिश दी. जहां 20 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच Vellore Institute of Technology (Private university in Vellore) Tamil Nadu की आनलाइन एन्ट्रेंस परीक्षा भी आयोजित की गई थी. छापेमारी के दौरान पुलिस टीम को मौके पर 2 व्यक्ति जितेश कुमार और राहुल कुमार मौजूद मिले. जिनकी तलाशी में पुलिस टीम को उनके पास मोबाइल फोन, लैपटॉप और 20 अप्रैल से 25 अप्रैल तक आयोजित की गई परीक्षा में शामिल कुछ परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड और उनके एप्लीकेशन नम्बर लिखी हुई आनलाइन एक्जाम की डिस्प्ले की फोटो कॉपी बरामद हुई।

सर्वर रूम से एक्सेस लेकर कराते थे आनलाइन परीक्षा हल
आरोपियों के पास से ऑनलाइन परीक्षा की डिस्प्ले की फोटो कॉपी भी बरामद हुई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अभ्यर्थियों के सिस्टम का सर्वर रूम से एक्सेस लेकर ऑनलाइन परीक्षा हल कराते थे। आरोपियों के खिलाफ मेरठ एसटीएफ की शिकायत पर आईटी एक्ट, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों ने बताया कि इस गिरोह के सरगना कुलवीर सिंह निवासी हरियाणा और गौरव बिजनौर उत्तर प्रदेश के हैं। इन्हीं के कहने पर यह नकल कराई जाती थी। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के बारे में अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं। जल्द ही इन दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

एनी डेस्क सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमा कराते हैं पेपर
ये लोग अलग-अलग लैब में कुछ कंप्यूटर सिस्टम को सर्वर रूम से पहले से ही एक्सेस ले लेते हैं। जिन परीक्षार्थियों के पेपर सॉल्व करवाने होते है, उन्हें पहले से ही एक्सेस पर लिए गए कंप्यूटर सिस्टम पर बैठाया जाता है। सर्वर रूम में बैठकर एनी डेस्क सॉफ्टवेयर के माध्यम से पेपर सॉल्वर पेपर को ऑनलाइन सॉल्व कर वहीं से जमा करा लेते हैं। पेपर सॉल्वर बीच-बीच में ऑनलाइन पेपर के स्क्रीनशॉट बाहर बैठे व्यक्तियों व परीक्षार्थियों को भी भेजता रहता है, जिससे उन्हें पेपर सॉल्व होने की जानकारी मिलती है।

 

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