24 जुलाई से शुरू होगी नीट काउंसिलिंग, सुप्रीम कोर्ट का काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इंन्कार

नई दिल्ली, 18 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को नीट मामले पर 5 घंटे से भी ज्यादा चली सुनवाई में कई तरह के अपडेट सामने आए हैं। नीट पेपर लीक मामले पर अंतिम फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सहित तीन जजों की बेंच सोमवार, 22 जुलाई को सुनाएगी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान भारत सरकार के अधिवक्ता यानी सॉलिसिटर जनरल ने नीट काउंसलिंग डेट का उल्लेख किया।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नीट काउंसलिंग निर्धारित योजना के अनुसार 24 जुलाई से शुरू की जाएगी। सुप्रींम कोर्ट की सुनवाई से इस बात के संकेत भी मिल रहे हैं कि नीट पेपर को कैंसिल करके सभी छात्रों के लिए दोबारा आयोजित करने की कम ही संभावना है। न्यायालय ने कहा कि महज कुछ आंकड़ों और दावों के आधार पर पूरी परीक्षा को कैंसिल नहीं किया जा सकता।

काउंसलिंग पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की ओर से 15 प्रतिशत सीटों के लिए नीट काउंसलिंग की जाती है। नीट ऑल इंडिया काउंसलिंग के लिए सामान्य वर्ग के 50 प्रतिशत से ज्यादा परसेंटाइल लाने वाले छात्र काउंसलिंग प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे। नीट पेपर लीक मामले में बीती सुनवाई के दिन सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

ऑनलाइन अपलोड होगा पूरा नीट रिजल्ट
आज की सुनावई में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नीट यूजी 2024 रिजल्ट के पूरे आंकड़े ऑनलाइन अपलोड करने का आदेश दिया है। एनटीए नीट रिजल्ट सिटी वाइज और सेंटर वाइज पूरी लिस्ट ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। कोर्ट ने कहा कि छात्रों की पहचान छिपाकर लिस्ट डाली जा सकती है। इसके लिए एनटीए को शनिवार शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है।

गुरुवार को, सुप्रीम कोर्ट NEET-UG 2024 मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहा है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ 40 से ज़्यादा याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इनमें NTA की ओर से दायर याचिकाएं भी शामिल हैं, जिनमें अलग-अलग हाईकोर्ट में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई है ताकि एक ही मामले में अलग-अलग जगहों पर सुनवाई से बचा जा सके।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने NEET-UG 2024 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी क्योंकि केंद्र और NTA की ओर से कुछ पक्षों के जवाब आने बाकी थे। पीठ को इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं की जांच में हुई प्रगति पर एक रिपोर्ट मिली थी।

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