देहरादून, 14 दिसम्बर। नगर निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। शनिवार को निकायों में अध्यक्षों के लिए आरक्षण अधिसूचना जारी हो गई हैं। बता दें कि, सभी जिलाधिकारी रविवार को नगर निगमों में पार्षद और नगर पालिका और नगर पंचायतों में वार्ड सदस्यों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी करेंगे। वहीं, निदेशालय मेयर और अध्यक्षों के आरक्षण की अंतिम अधिूसचना जल्द जारी करेगा। अपर निदेशक शहरी विकास डॉ. ललित नारायण मिश्र ने सभी जिलाधिकारियों को शुक्रवार को एक पत्र भेजा।
शहरी विकास विभाग द्वारा जारी सूची
नगर निगम, देहरादून: अनारक्षित, ऋषिकेश: अनुसूचित जाति, हरिद्वार: अन्य पिछड़ी जाति (महिला), रुड़की: महिला, कोटद्वार: अनारक्षित, श्रीनगर: अनारक्षित, रुद्रपुर: अनारक्षित, काशीपुर: अनारक्षित, हल्द्वानी: अन्य पिछड़ी जाति, पिथौरागढ़: महिला और नगर निगम, अल्मोड़ा: महिला
नगर निगम ऋषिकेश अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित, नगर पालिका डोईवाला और मुनि की रेती सामान्य, रुद्रप्रयाग नगर पालिका और नगर पंचायत अगस्त्यमुनि में अध्यक्ष सामान्य, नगर पंचायत गुप्तकाशी में एससी महिला, तिलवाड़ा में अन्य पिछड़ी जाति महिला और उखीमठ में महिला सीट घोषित। डोईवाला नगर पालिका सामान्य हुई। मसूरी नगर पालिका अध्यक्ष सीट पहली बार अन्य पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित हुई। नगर पंचायत तपोवन अन्य पिछड़ी जाति महिला व नगर पंचायत स्वर्ग आश्रम महिला आरक्षित के लिए छोषित। वहीं, खटीमा नगर पालिका सीट सामान्य और सितारगंज नगर पालिका अन्य पिछड़ी जाति की सीट घोषित हुई। रुद्रपुर और काशीपुर नगर निगम की सीट सामान्य घोषित।
दिसंबर के आखिरी सप्ताह में लग सकती आचार संहिता
निकाय चुनावों की तैयारी जितनी तेजी से आगे बढ़ रही, उसको देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा कि राज्य निर्वाचन आयोग दिसंबर के आखिरी सप्ताह में आचार संहिता लागू कर देगा। जनवरी के दूसरे से तीसरे सप्ताह के बीच निकाय चुनाव होने का अनुमान है।
महिला आरक्षित होने से बिगड़ा नेताओं का समीकरण
आरक्षण सूची से पहले गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक राजनेता अपने-अपने क्षेत्र में तैयारी में लग गए थे, लेकिन आरक्षण सूची आने के बाद कई जगहों पर नेताओं का समीकरण बिगड़ गया है. मसलन हरिद्वार नगर निगम की बात की जाए तो बीजेपी और कांग्रेस से तमाम चेहरे लंबे समय से क्षेत्र में तैयारी में लगे हुए थे. देहरादून और दिल्ली में बैठे नेता भी लगातार स्थानीय नेताओं को आश्वासन दे रहे थे, लेकिन अचानक से ओबीसी महिला सीट हो जाने के बाद अब नए चेहरे का चुनावी मैदान में उतरना साफ हो गया है.
महिलाओं के लिए 35 सीटें आरक्षित
बता दें कि उत्तराखंड में कुल 11 नगर निगम हैं, जिसमें से एससी को एक सीट दी गई है. वहीं चार सीटें महिलाओं को दी गई हैं. वहीं, नगर पालिका परिषद में कुल 15 सीटें महिलाओं को दी गई हैं जबकि नगर पंचायतों में 16 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.