उत्तराखंड के आईआईटी रुड़की ने फिर गाड़ा झंडा, देश के टॉप 10 संस्थान में बनाई जगह

देहरादून, 12 अगस्त। हर किसी मां-बाप का यही सपना होता है कि उनके बच्चे आईआईटी जैसे बड़े संस्थानों में पढ़ाई करें. ऐसे में वो आईआईटी में दाखिले के लिए बच्चों से तैयारियां करवाते हैं. एक आईआईटी उत्तराखंड के रुड़की में भी है. जो हमेशा से ही छात्रों की पहली पसंद रहा है. क्योंकि, आईआईटी रुड़की देश के उन अग्रणी संस्थाओं में शामिल है. जहां इनोवेटिव पढ़ाई होती है. यही वजह है कि इस बार भी आईआईटी रुड़की ने एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2024 में टॉप 10 में जगह बनाई है.

एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2024 के टॉप टेन में आईआईटी रुड़की शामिल
बता दें कि भारत में 23 आईआईटी यानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैं. जो अलग-अलग शहरों में है. आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईआरएफ (राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क) के तहत इंडिया रैंकिंग 2024 (NIRF India Rankings 2024) रिलीज कर दी है. इस रैंकिंग के तहत देशभर के आईआईटी को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है. उत्तराखंड के रुड़की में स्थित आईआईटी ने इस बार फिर से देश के टॉप 10 आईआईटी में जगह बनाई है.

आईआईटी रुड़की को मिली आठवीं रैंक, टॉप पर आईआईटी मद्रास
साल 2022 में आईआईटी रुड़की ने सातवीं रैंक हासिल की थी. जबकि, इस बार आईआईटी रुड़की को आठवीं रैंक हासिल हुई है. आईआईटी रुड़की को इस बार आठवीं पायदान पर रखकर ये साबित कर दिया है कि उनके आईआईटी देश के अन्य आईआईटी से कितनी अलग है. इस बार की रैंकिंग में एक बार फिर से मद्रास की आईआईटी को प्रथम स्थान दिया गया है. जबकि, दूसरे स्थान पर आईआईटी बेंगलुरु और तीसरे पर आईआईटी बॉम्बे को रखा गया है.

आईआईटी रुड़की को 177 साल पूरे
रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के टॉप टेन में आने से उत्तराखंड का नाम रोशन हुआ है. इसके अलावा यहां के मैनेजमेंट में भी खुशी का माहौल है. साल 1847 में आईआईटी रुड़की की स्थापना हुई थी. इस तरह से आईआईटी रुड़की को 177 साल पूरे हो चुके हैं. आईआईटी रुड़की के डायरेक्टर प्रोफेसर कमल किशोर पंत इस रैंकिंग से बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि यह गर्व की बात है कि वो लगातार टॉप 10 में अपनी जगह बनाकर रखे हुए हैं. यहां का मैनेजमेंट और पढ़ने वाले छात्र अच्छे माहौल में रहते हैं.

बता दें कि आईआईटी जैसे संस्थान में प्रवेश के लिए पहले छात्र को 12वीं कक्षा पास करनी पड़ती है. इसके बाद इंजीनियरिंग संस्थानों में वो एडमिशन लेते हैं. इसके लिए जेईई मेन और एडवांस्ड परीक्षा में सफल होना पड़ता है. छात्रों की रैंक कट ऑफ यानी उसके स्कोर के आधार पर ही उन्हें किसी भी बड़े शिक्षण संस्थान में एडमिशन मिलता है.

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