कुलपति व छात्रों के बीच वार्ता विफल, कुलपति के आश्वासन के बाद भी नहीं माने छात्र नेता

श्रीनगर, 8 अगस्त। नौ सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे छात्रों से गढ़वाल विवि की कुलपति ने वार्ता की। कुलपति के साथ वार्ता विफल होने पर छात्रों ने अपने धरने को जारी रखने का फैसला लिया। इस दौरान विवि प्रशासन के खिलाफ छात्रों का आक्रोश भी देखने को मिला।

गढ़वाल विवि के कुलपति कार्यालय गेट पर धरने में बैठे छात्रों से वार्ता करने के लिए विवि के आला अधिकारियों से लेकर कुलपति तक पहुंची। यहां दोपहर तक विवि के अधिकारी छात्रों को कुलपति कार्यालय के गेट से उठने के लिए मनाते रहे, लेकिन छात्र नहीं माने। जिसके बाद ढाई बजे के करीब गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो़ अन्नपूर्णा नौटियाल स्वयं धरना स्थल पर पहुंची। यहां छात्रों ने कुलपति के समक्ष अपना मांग पत्र रखा। साथ ही मांगों पर अतिशीघ्र कार्यवाही करने की मांग की।

छात्र नेता आकाश रतूड़ी ने कहा कि विवि के विभिन्न विभागों में नियुक्तियों में धांधली से लेकर लोक संस्कृति विभाग के निदेशक उप निदेशक के आरक्षित पदों को सामान्य किए जाने के मामले की जांच करने की मांग है। कहा कि इसके अलावा स्पेशल बैक, आरटीआई के माध्यम से री-चेकिंग का प्रावधान शुरू करने की प्रमुख मांगे हैं।

ABVP के प्रदेश सहमंत्री पिछले 8 दिन से बैठे हैं धरने पर
एबीवीपी के प्रदेश सहमंत्री अमन पंत ने कहा कि विगत आठ दिनों से वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन अभी तक न कोई सकारात्मक आश्वासन मिला है न ही कोई कार्रवाई हो रही है। वह यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय व राष्ट्रपति को विश्वविद्यालय में हो रही अनियमितताओं को लेकर शिकायती पत्र भेजेंगे।

कुलपति ने दिया सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन
इधर कुलपति प्रो़ अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि छात्र हितों में जो भी मांगे हैं उनपर सकारात्मक कार्यवाही की जायेगी। वहीं नियुक्तियों समेत अन्य मांगों को लेकर जांच कमेटी का गठन कर जांच करने की बात कही, कहा कि जांच टीम में संकाय अध्यक्षों को सदस्य बनाया जायेगा, लेकिन छात्रों ने हाईकोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में कमेटी द्वारा जांच किये जाने की मांग की। मांग पर कुलपति की ओर से सकारात्मक आश्वासन न मिलने पर छात्रों ने आंदोलन को जारी रखने का फैसला लिया। मौके पर कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार, मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो़ दीपक कुमार, नियंता मंडल के सदस्य व पुलिस के अधिकारी मौजूद रहा।

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