देहरादून, 30 जुलाई। इस साल नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में 600 से कम स्कोर पर उत्तराखंड में सरकारी सीट मिलना संभव नहीं होगा। इस साल नीट में मार्किंग बेहतर रही है। इसके चलते कटऑफ ऊपर जाना तय माना जा रहा है। संभव है कि दून और हल्द्वानी मेडिकल कालेज के लिए कटऑफ 650 से ऊपर ही अटक जाए।
14 अगस्त से शुरू होगी काउंसिलिंग
एमबीबीएस की ऑल इंडिया कोटे की सीटों की काउंसिलिंग का कार्यक्रम घोषित हो चुका है। इसकी काउंसिलिंग 14 अगस्त से शुरू होनी है। इसके बाद प्रदेश की स्टेट कोटे की 1200 सीटों के लिए काउंसिलिंग की जाएगी।
इस बार ओवरआल मार्किंग पिछले वर्षों से अधिक
इस साल नीट में अभ्यर्थियों के स्कोर आमतौर पर हाई रहे हैं और पहली लिस्ट में तो देशभर में 67 टॉपर निकलने पर विवाद ही हुआ था। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुछ अभ्यर्थियों के पांच अंक कम हो गये हैं, लेकिन ओवरऑल मार्किंग अभी भी गत वर्षों से ज्यादा ही है। यही वजह है कि इस साल कटऑफ ज्यादा रहने की संभावना जताई जा रही है।
पिछले साल दून और हल्द्वानी मेडिकल कालेज में जनरल एमबीबीएस सीट 612 अंक तक आयी थी। इस साल यह 650 से ज्यादा रह सकती है। श्रीनगर मेडिकल कालेज में जनरल की कटऑफ 599 और अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में यह 590 अंक तक आयी थी लेकिन इस साल इसके 600 से नीचे आने की संभावना नहीं है। अगर बीते साल की ओबीसी कटऑफ को देखें तो इस साल यह भी 600 से कम आने की संभावना नहीं दिखती है।
नीट परीक्षा विशेषज्ञ वैभव राय का कहना है कि इस साल नंबर ज्यादा आने का सवाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी उठा था। तक एनटीए ने माना था कि अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा होने के चलते ऐसा हुआ हो सकता है। नंबर आमतौर पर ज्यादा हैं तो कटऑफ भी ज्यादा रहना तय है।
प्रदेश में काउंसिलिंग सितम्बर में संभव
स्टेट कोटे की सीटों के लिए काउंसिलिंग इस बार सिम्तबर से पहले होना संभव नहीं दिख रही। अगस्त अंत तक तो ऑल इंडिया कोटे का पहला की चरण पूरा हो पाएगा। इसके चार चरण होने हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल विवि के कुलसचिव डा. आशीष उनियाल ने बताया कि उम्मीद रही है कि एक माह के भीतर स्टेट कोटे के लिए काउंसिलिंग की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि पिछले साल तक प्रदेश में एमबीबीएस सीटों की संख्या 1050 थी लेकिन एक और कालेज को मान्यता मिलने के बाद सीटों की संख्या 1200 हो गयी है।