श्रीनगर, 12 जुलाई : गढ़वाल विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि वापस लिए जाने, पीएचडी प्रवेश परीक्षा की जांच, नए सत्र से दो नई बसें संचालित किए जाने सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर 11 दिनों से आंदोलन पर बैठे छात्रों ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय प्रशासन के लिखित आश्वासन पर धरना स्थगित कर दिया है। छात्रों ने विवि प्रशासन को मांगों पर अमल करने के लिए 20 दिनों का समय दिया है।
छात्रों का कहना है कि अगर विवि प्रशासन 20 दिनों में मांगों पर कार्रवाई नहीं करता है तो छात्र दोबारा आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। गढवाल विवि के छात्रसंघ अध्यक्ष सुधांशु थपलियाल ने बताया कि 18 मांगों में से विवि प्रशासन ने फीस वृद्धि,एक एम्बुलेंस,दो नई बसें,पीएचडी प्रवेश परीक्षा की जांच,यूजी में सीयूईटी के बाद बची सीटों पर मेरिट के आधार पर प्रवेश,दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के सांस्कृतिक परिधान पहने जाने,दीक्षांत समारोह में पीएचडी उपाधि मंच पर दिए जाने,नए हॉस्टल का नाम गौरा देवी रखे जाने की मांगों पर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पदों को भरने की मांग पर विवि को 10 दिनों के भीतर विज्ञप्ति जारी करने को कहा है। साथ ही जिन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है उन पर विवि प्रशासन विद्या परिषद की बैठक में फैसला लेगा। छात्र नेता वीरेन्द्र बिष्ट ने कहा कि 18 सूत्रीय मांगों में से कुछ मांगों पर सहमति बनी है। विवि प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया है। मौके पर कैवल्य जखमोला, पुनीत अग्रवाल, आकाश रतूड़ी, सौरभ रावत, नीरज पंचोली आदि मौजूद रहे।
छात्रों की मांगों पर विवि के अधिकारियों से वार्ता करने के बाद मुख्य मांग फीस वृद्धि को वापस लेकर पूर्व की भांति रखा जाएगा और जिन मांगों पर सहमति नहीं बनी उनको विद्या परिषद की बैठक में रखा जाएगा। जल्द अन्य मांगों पर कार्रवाई की जाएगी। सीयूईटी के बाद रिक्त यूजी की सीटों पर मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।
प्रो. राकेश डोढी,कुलसचिव गढवाल विवि